Generation of Computer in Hindi – कंप्यूटर की पीढियां
Generation of Computer in Hindi – कंप्यूटर की पीढियां
बहुत साल पहले भी कंप्यूटर का इस्तेमाल किया जाता था और आज भी किया जाता है। पहले के computers और आज के computers में बहुत अंतर है। कंप्यूटर में समय के साथ काफी परिवर्तन हुआ है।
आज के समय के कंप्यूटर काफी मॉडर्न और एडवांस देखने को मिलते है। लेकिन पुराने समय के कंप्यूटर इतने modern (आधुनिक) और advance नहीं हुआ करते थे। लेकिन बदलते समय के साथ कंप्यूटर के क्षेत्र में सुधार हुआ। जिसमें काफी समय लगा। पहले के कंप्यूटर आकार में बहुत बड़े हुआ करते थे। लेकिन आज के कंप्यूटर साइज़ में भी बहुत छोटे होते है और इनकी speed (गति) भी तेज होती है।
- दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर (1956 से 1963 तक)
- तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर (1964 से 1971 तक)
- चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर (1971 से 1985 तक)
- पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर (वर्तमान में मौजूद)
First Generation computer in Hindi (पहली पीढ़ी के कंप्यूटर)
- पहली पीढ़ी के कंप्यूटर साइज़ में काफी बड़े हुआ करते थे। आप इनके size (आकार) का अन्दाज़ा इसी बात से लगा सकते है कि इन कंप्यूटर को रखने के लिए एक कमरे की ज़रूरत पड़ती थी।
- पहली पीढ़ी की शुरुआत 1940 में हुई और इसका अंत 1956 में हुआ।
- इस पीढ़ी के कंप्यूटरों में कांच के बने वैक्यूम ट्यूब का प्रयोग किया जाता था। इनमें हजारों की संख्या में वैक्यूम ट्यूब का इस्तेमाल किया जाता था इसलिए इन कंप्यूटरों का आकार बहुत बड़ा होता था।
- पहली पीढ़ी के कंप्यूटर इतने advance और modern नहीं हुआ करते थे। इनमे काफी कमियां थी। ये कंप्यूटर काम करते वक़्त जल्दी गर्म हो जाया करते थे और reliable (विस्वश्नीय) नहीं हुआ करते थे।
- पहली पीढ़ी के कंप्यूटर का उपयोग गणना करने, डेटा को स्टोर करने, और वैज्ञानिक कार्यों के लिए किया जाता था।
- इस पीढ़ी के कम्प्यूटरों में मुख्य रूप से batch processing ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता था।
- इन कम्प्यूटरों में प्रोग्रामिंग करना बहुत ही ज्यादा मुश्किल काम था और ये बिजली भी बहुत खर्च करते थे।
पहली पीढ़ी के कंप्यूटर के उदाहरण
Advantages of First Generation Computer in Hindi (पहली पीढ़ी कंप्यूटर के फायदे)
- इस पीढ़ी के कंप्यूटर डाटा की calculation (गणना) बहुत तेजी से करते थे। ये millisecond में गणना कर सकते थे।
- उस समय वैक्यूम ट्यूब आसानी से मिल जाया करते थे।
- वैक्यूम ट्यूब की technology ज्यादा महंगी नहीं थी।
- इन कम्प्यूटरों में scientific (वैज्ञानिक) काम कर सकते थे।
- इन कम्प्यूटरों में information और data को स्टोर करने की क्षमता थी।
Disadvantages of First Generation Computer in Hindi (पहली पीढ़ी कंप्यूटर के नुकसान)
- पहली जनरेशन के कंप्यूटर का size काफी बड़ा होता था।
- इस जनरेशन के computer काम करते समय काफी गर्म हो जाया करते थे।
- कम्प्यूटर को ठंडा रखने के लिए Air-Condition (AC) की ज़रूरत पड़ती थी।
- अपने बड़े आकर के कारण ये बहुत अधिक मात्रा में बिजली का इस्तेमाल करते थे।
- इन कंप्यूटरों को मेन्टेन करके रखना काफी ज्यादा मुश्किल होता था।
- ये केवल मशीन लैंग्वेज का इस्तेमाल करते थे और इसमें प्रोग्रामिंग करना भी एक कठिन कार्य था।
Second Generation Computer in Hindi (दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर)
- कंप्यूटर की दूसरी पीढ़ी की शुरुआत 1956 में हुई थी और इसका अंत 1963 में हुआ था।
- दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में transistor (ट्रांजिस्टर) का इस्तेमाल किया जाता था। ट्रांजिस्टर वैक्यूम ट्यूब के मुकाबले काफी छोटे होते थे।
- ट्रांजिस्टर के कारण कंप्यूटर का साइज पहली पीढ़ी के मुकाबले छोटा हो गया। ट्रांजिस्टर के आने के बाद कंप्यूटर के क्षेत्र में काफी ज्यादा विकास हुआ।
- ट्रांजिस्टर, वैक्यूम ट्यूब की तुलना में काफी सस्ते थे , size में छोटे थे , ज्यादा reliable थे , और काफी तेज काम करते थे।
- इस पीढ़ी में असेंबली लैंग्वेज और हाई-लेवल लैंग्वेज का इस्तेमाल किया जाता था।
- इस पीढ़ी के कंप्यूटरों में batch processing और multi-programming ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग किया जाता था।
दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर के उदाहरण –
- UNIVAC 1108
- CDC 1604
- Honeywell 400CDC 3600
- IBM 7094
Advantages of Second generation computer in Hindi (दूसरी पीढ़ी कंप्यूटर के फायदे)
- पहली पीढ़ी की तुलना में इस पीढ़ी के कंप्यूटर का साइज़ काफी छोटा था।
- दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर काम करते समय जल्दी गर्म नहीं होते थे।
- ये अपने छोटे आकार के कारण कम बिजली ख़र्च करते थे।
- दूसरी पीढ़ी वाले कंप्यूटर के काम करने की speed काफी अच्छी थी। ये डाटा को microseconds में कैलकुलेट कर लेते थे।
- पहली पीढ़ी के मुकाबले दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटरों को मेन्टेन करना आसान था।
- पहली पीढ़ी की तुलना में दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर सस्ते थे।
- इनकी accuracy अधिक थी और ये reliable (विश्वसनीय) होते थे।
Disadvantages of Second generation computer in Hindi (दूसरी पीढ़ी कंप्यूटर के नुक़सान)
- दूसरे जनरेशन के कंप्यूटर कम गर्मी पैदा करते थे फिर भी इन्हें ठंडा रखने के लिए AC की ज़रूरत पड़ती थी।
- दूसरे जनरेशन के कंप्यूटर को लगातार maintain (रख-रखाव) की जरूरत पड़ती थी।
- इसका इस्तेमाल केवल कुछ विशेष काम को पूरा करने के लिए ही किया जाता था।
- पहली पीढ़ी की तरह इस पीढ़ी के कंप्यूटर भी इनपुट के लिए punch cards का प्रयोग करते थे।
Third Generation Computer in Hindi (तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर)
- कंप्यूटर की तीसरी पीढ़ी की शुरुआत 1964 में हुई थी और इसका अंत 1971 में हुआ था।
- तीसरी पीढ़ी आने तक कंप्यूटर के छेत्र में काफी ज्यादा विकास हो चूका था। इस पीढ़ी में कंप्यूटर और भी ज्यादा advance और modern हो गए थे।
- तीसरी पीढ़ी में computer के अंदर ट्रांजिस्टर की जगह IC (इंटीग्रेटेड सर्किट)) का इस्तेमाल किया जाता था।
- IC एक तरह की चिप है जो कि सिलिकॉन से बनी हुई होती है। इसलिए इसको सिलिकॉन चिप भी कहा जाता है।
- तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर काफी ज्यादा reliable (विश्वसनीय) थे।
- तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर की काम करने की स्पीड पिछले दोनों पीढ़ियों के कंप्यूटर से बेहतर थी।
- Integrated Chip (IC) आने के कारण कंप्यूटर का साइज काफी छोटा हो गया था। इसके साथ साथ मैमोरी की क्षमता भी काफी ज्यादा बढ़ गई थी।
- इस पीढ़ी में time sharing और multiprogramming ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग किया जाता था।
- इस पीढ़ी में हाई लेवल लैंग्वेज जैसे कि – Cobol, Pascal आदि का use किया जाता था।
तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर के उदाहरण
- IBM 370
- PDP-11
- UNIVAC 1108
- Honeywell-6000
- DEC series
- ICL 2900
Advantages of Third generation computer in Hindi (तीसरी पीढ़ी कंप्यूटर के फायदे)
- तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर का आकार पिछले दोनों पीढ़ियों के कंप्यूटर के मुकाबले काफी छोटा था।
- इस पीढ़ी के कंप्यूटर काम करते समय बहुत कम बिजली खर्च करते थे।
- पिछले दोनों जनरेशन की तुलना में third generation के कंप्यूटर काफी कम गर्मी पैदा करते थे।
- इसमें डाटा को कैलकुलेट करने की स्पीड काफी अच्छी थी।
- इस कंप्यूटर को मेन्टेन करके रखना काफी आसान था।
- पिछले दोनों जनरेशन की तुलना में तीसरे जनरेशन के कंप्यूटर की storage क्षमता काफी ज्यादा थी।
- ये computers हाई लेवल भाषा को सपोर्ट करते थे।
- इनमें प्रोग्रामिंग करना आसान था।
Disadvantages of third generation computer in Hindi (तीसरी पीढ़ी कंप्यूटर के नुकसान)
- तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर भी कम गर्मी पैदा करते थे परंतु फिर भी इनको ठंडा करने के लिए AC की ज़रूरत पड़ती थी।
- IC चिप को बनाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था।
- इस पीढ़ी के कंप्यूटर काफी महंगे आते थे।
- उस जमाने में IC चिप को repair करना काफी मुश्किल हुआ करता था।
- IC चिप के साथ काम करने के लिए specialized workers (विशेष कार्यकर्ता) की आवश्यकता पड़ती थी।
Fourth Generation Computer in Hindi (चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर)
- कंप्यूटर के चौथी पीढ़ी की शुरुआत 1970 में हुई थी और इसका अंत 1985 में हुआ।
- कंप्यूटर की चौथी पीढ़ी में IC की जगह माइक्रोप्रोसेसर का इस्तेमाल किया जाता है। माइक्रोप्रोसेसर में बहुत सारे LSI Circuit होते है।
- चौथी पीढ़ी आने के बाद कंप्यूटर और भी ज्यादा आधुनिक हो गए । इस पीढ़ी के आते ही कंप्यूटर के काम करने की क्षमता और speed दोनों ही बढ़ गई।
- इस जनरेशन ने computer के छोटे size में ही काफी ज्यादा features उपलब्ध करवा दिए। यानी कह सकते है कि इसका size काफी छोटा हो गया और इसके साथ-साथ कंप्यूटर के सारे features भी install हो गए।
- इस पीढ़ी में real time, time sharing, और distributed ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है।
- इस पीढ़ी के कंप्यूटर हाई लेवल लैंग्वेज जैसे कि – C, C++ आदि को सपोर्ट करते हैं।
- इस पीढ़ी में पर्सनल कंप्यूटर (PC) का उपयोग काफी ज्यादा बढ़ गया।
चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर के उदाहरण
- Micral
- IBM 5100
- Altair 880
Advantages of fourth generation of computer in Hindi (चौथी पीढ़ी कंप्यूटर के फायदे)
- चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर की speed पिछले सभी पीढ़ियों के कम्प्यूटरों की तुलना में काफी अच्छी है।
- इस पीढ़ी के कंप्यूटर size में काफी छोटे होते है।
- इन कम्प्यूटरों को maintain करने की ज़रूरत नहीं पड़ती।
- ये कंप्यूटर सस्ते होते हैं और आसानी से उपलब्ध हो जाते है।
- इन कम्प्यूटरों को बहुत कम AC की ज़रूरत पड़ती है। क्योंकि ये बहुत कम गर्मी पैदा करते है।
- इस पीढ़ी के कंप्यूटर बहुत ज्यादा reliable हैं और ये हाई लेवल लैंग्वेज को सपोर्ट करते हैं।
Disadvantages of fourth generation computer in Hindi (चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर)
- इस जनरेशन में microprocessor का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन माइक्रोप्रोसेसर को बनाना मुश्किल काम है।
- Microprocessor को बनाने के लिए बहुत advance technology की ज़रूरत पड़ती है।
Fifth Generation Computer in Hindi (पांचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर)
- पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर अभी तक सभी पीढ़ियों से बेहतर और advance (आधुनिक) है। आप इस बात का अंदाज़ा इस चीज़ से लगा सकते है कि ये कंप्यूटर बिलकुल इंसानो की तरह ही व्यहवार करते है।
- पांचवीं पीढ़ी में AI (Artificial Intelligence) तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है।
- वर्तमान समय में कंप्यूटर की पांचवी पीढ़ी चल रही है और यह कंप्यूटर की आखरी पीढ़ी है।
- इस पीढ़ी में हाई लेवल भाषा जैसे कि – C, C++, Java, और .Net आदि का उपयोग किया जाता है।
- पाँचवी पीढ़ी के कंप्यूटर का इस्तेमाल स्वास्थ्य के क्षेत्र में, मनोरंजन के क्षेत्र में, और रोबोट बनाने में किया जाता है। आजकल game के छेत्र में भी इसका प्रयोग किया जाता है।
- इन computers में सबसे ज्यादा speed पाई जाती है और इनके काम करने की क्षमता भी काफी ज्यादा है।
- धीरे धीरे कंप्यूटर की पांचवी पीढ़ी को और भी ज्यादा विकसित किया जा रहा है। ताकि यह और भी ज्यादा advance हो सके।
पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर के उदाहरण
- परम सुपर कंप्यूटर
- लैपटॉप
- डेस्कटॉप
- वर्क स्टेशन
- नोटबुक
Advantages of Fifth Generation computer in Hindi (पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर के फायदे)
- इस कंप्यूटर की speed पिछली सभी पीढ़ियों के computer के मुकाबले ज्यादा है।
- इन कम्प्यूटरों की repairing करना काफी ज्यादा आसान होता है।
- इस कंप्यूटर का size पिछले सभी पीढ़ियों के मुकाबले बहुत छोटा है।
- अपने छोटे size के कारण fifth generation के computer काफी हल्के होते है।
- पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर को maintain करके नहीं रखना पड़ता।
- इनको कही भी ले जाया जा सकता है जैसे कि हम अपने लैपटॉप को कहीं भी आसानी से ले जा सकते हैं।
Disadvantages of fifth generation computer in Hindi (पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर के नुकसान)
- इस कंप्यूटर को use करने में काफी ज्यादा समस्याओ का सामना करना पड़ता है।
- इन computers में AI यानी (Artificial intelligence) का use किया जाता है। लेकिन अभी तक AI को पूरी तरह develop नहीं किया गया है।
- इस जनरेशन के कम्प्यूटरों को बनाने के लिए complex (जटिल) tool का use होता है। जो की आसानी से नहीं मिलते।
इसकी पांच पीढियां होती है. पहली, दूसरी, तीसरी, चौथी, पांचवी पीढ़ी.
अभी के समय में 5th जनरेशन चल रही है.
इसका अविष्कार चार्ल्स बैबेज ने 1822 में किया था.
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